हिन्दुओं मे भेद भाव
क्या आपको ज्ञात है.. अंग्रेजों के आने के पूर्व देश मे 723000 गुरुकुल थे। अर्थात लगभग प्रत्येक गाँव मे एक गुरुकुल। क्या आपको ज्ञात है अंग्रेजों के आने के पूर्व देश की साक्षरता प्रतिशत 95% थी। जो वर्तमान साक्षरता प्रतिशत 74% से कहीं अधिक थी। ये साक्षरता प्रतिशत आज की उस दलित थ्योरी को भी ध्वस्त करती हैं, जिसमें कहा जाता हैं, कि दलितों पर हजारों वर्षो से अत्याचार हुए है। उन्हें पढ़ने से रोका गया। वेद पुराण पढ़ने नही दिये। 95% हिन्दू कौन थे ये ?? सब के सब सवर्ण तो नही हो सकते। स्पष्ट हैं उस वक्त शिक्षा पाने मे किसी प्रकार का कोई भेदभाव नही था। अब आपके मन मे ये प्रश्न उठ रहा होगा, गुरुकुल में तो मात्र शास्त्र पढ़ाये जाते होंगे। विज्ञान, गणित विषय नही। ये कैसी साक्षरता ??.. जानिये... गुरुकुल में कुल 18 विषय पढ़ाये जाते थे। जिसमें गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल, इंजीनियरिंग, सिविल, धातु शास्त्र(जो आज का आधुनिक विषय हैं), वास्तुशिल्प जैसे कुल अठारह विषय पढ़ाये जाते थे। ये गुरुकुल आज की शिक्षानुसार कक्षा 12वी तक के स्कूलों जैसे थे। उच्च शिक्षा के लिये बैचलर औऱ मास्टर डिग्री जैसी व्यवस्था